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पुलवामा के कायराना हमले के बाद पूरा देश एक्शन मोड पर है| पाकिस्तान पर तो अब तक बहुत सारे एक्शन भारत सरकार ले रही है| वही अब जम्मू कश्मीर पर भी बड़ा एक्शन लेने की तरफ कदम बढ़ाये जा रहे है |
आपको बता दें कि 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर से सम्बंधित अनुच्छेद 35A पर सुनवाई होने वाली है| इस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आने के प्रबल आसार है | ऐसे में भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में सेना को ज्यादा अलर्ट किया जा रहा है और सेना की संख्या लगातार बढाई जा रही है |अबतक 100 सैन्य कंपनिया को जम्मू कश्मीर में ''अर्जेंट नोटिस '' पर घाटी में भेजा चूका है, जिसमे CRPF की 45 BSF की 35 , ITBP की 10 और SSB की 10 सैन्य टुकडियां शामिल है | कश्मीर घाटी में इतने बड़े सैन्य बल की तैनाती से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बड़ा फैसला आने वाला है | गौरतलब है कि कुछ ऐसी ही हलचल आतंकी अफजल गुरु की फांसी से हुई थी, उस समय भी घाटी में सैन्य बल और बढ़ा दिया गया था |
दूसरी तरफ सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए अलगाववादी नेता यासीन मालिक , जमात- ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज सहित करीब 24 अलगाववादी नेताओं को हिरासत में ले लिया है | ये नेता जम्मू कश्मीर में माहौल ख़राब करने का काम हमेशा से करते आ रहे है | गौरतलब है कि मोदी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ दिन पहले ही इन नेताओं को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुरक्षा वापस ले ली थी |
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट 25 फरवरी को होने वाली सुनवाई में अनुच्छेद 35 A को हटा देता है तो कश्मीर घाटी में तनाव बढने की संभावना है ऐसे में ये अलगाववादी नेता आग में घी डालने का काम कर सकते है | इसीलिए इनको गिरफ्तार किया जा रहा है और सैन्य बल भारी मात्रा में बढ़ा दिया गया है |
क्या है अनुच्छेद 35 ए -
अनुच्छेद 35 ए जम्मू कश्मीर राज्य को भारत के विशेष राज्य का दर्जा देता है | जिसके अंतर्गत जो भारतीय नागरिक जम्मू कश्मीर का स्थायी निवासी नही है वो जम्मू कश्मीर में किसी भी प्रकार की जमीन या मकान नही खरीद सकता है और ना ही स्थायी निवास कर सकता है और ना ही जम्मू कश्मीर राज्य में सरकारी नौकरी कर सकता है और ना ही जम्मू कश्मीर की राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ ले सकता है | जबकि जम्मू कश्मीर का कोई भी व्यक्ति भारत में कही भी जमीन खरीद सकता है अपना मकान बना सकता है और स्थायी निवास कर सकता है |
जम्मू कश्मीर का पुरुष अगर भारत कहीं भी शादी करता है तो भी उसको जम्मू कश्मीर में मिलने वाली सुविधाओं में कोई कमी नही आती है | लेकिन जम्मू कश्मीर की महिला अगर भारत के दूसरे राज्य के व्यक्ति से शादी करती है तो उसका जम्मू कश्मीर से मालिकाना ख़त्म हो जाता है और वह महिला जम्मू कश्मीर में किसी भी प्रकार का स्थायी निवास नहीं कर सकती है |
जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे के खिलाफ पहलीबार इन्होने उठाई थी आवाज -
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे के खिलाफ वैसे तो कई सालों से आवाज उठ रही है लेकिन सर्वप्रथम दिल्ली स्थित NGO वी द सिटीजन ने याचिका दायर की थी | उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाने जा रहा है | इस NGO का कहना है कि अनुच्छेद 35 ए और धारा 370 भारतीय नागरिकों के साथ भेदभाव है |
ऐसी ही याचिका कश्मीरी पंडित महिलाओं ने भी दायर की थी जिसमे उन्होंने इस अनुच्छेद को महिला विरोधी बताया है |
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