आज लोकसभा सदन में जिस तरह मुलायम सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की और फिर प्रधानमंत्री मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने की शुभकामना दी उसने सोनिया गाँधी सहित सभी को हैरान कर दिया | मुलायम सिंह यादव के पीछे बैठी सोनिया गाँधी के पास मुलायम के इस बयान पर मुस्कुराने के अलावा कोई चारा नही था | गौरतलब है की इससे पहले भी मुलायम सिंह और प्रधानमंत्री मोदी कई बार एकदूसरे की तारीफ कर चुके है |
इससे पहले कांग्रेस सहित पुरे विपक्ष द्वारा लोकसभा सदन की कार्रवाई में लगातार व्यवधान डालने और सदन की कार्रवाई नही चलने देने पर मुलायम सिंह यादव ने आगे आकर मोदी सरकार का समर्थन किया था | और विपक्ष को इस गैर जिम्मेदाराना रवैये पर लताड़ा था | जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुलायम सिंह यादव का आभार प्रकट करते हुए मुलायम सिंह की तारीफ की थी |
प्रधानमंत्री मोदी और मुलायम सिंह यादव के सद्भाव महागठबंधन के लिए चिंता का विषय हो सकता है | मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के बीच वैसे भी सामंजस्य की कमी स्पष्टता से देखी जा सकती है | वन्ही मुलायम के छोटे भाई और सपा के पूर्व कद्दावर नेता शिवपाल यादव पहले ही पार्टी छोड़ चुके है उसके बाद मुलायम की भी पार्टी में सक्रियता घटी है | इसे में मुलायम का मोदी प्रेम दिखाना और शिवपाल का अलग पार्टी बनाना और उसके बाद सपा और बसपा के गठबंधन का विरोध करना महागठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है |
वहीँ दूसरी तरफ दिल्ली के जन्तर मंतर में आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित विपक्ष एकता रैली में भी महागठबंधन में भी सभी एकसाथ खड़े नजर नही आये | आम आदमी पार्टी की इस में लगभग सारा विपक्ष साथ था लेकिन स्वघोषित प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार ममता बनर्जी जब मंच पर अपना भाषण देने आई तो सीपीआई नेता सीताराम येचुरी और टी राजा वहा से निकल गये | गौरतलब है की वामपंथी दलों और ममता बनर्जी की त्रणमूल कांग्रेस के बीच पहले से ही छतीस का आंकड़ा रहा है |
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की सीताराम येचुरी और राजा को ममता प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नही है | वही सपा और बसपा में भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर असमंजस बनी हुई है | इसी बीच कांग्रेस भी किसी तरह राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी से पीछे नही हटाना चाहती है | जबकि महागठबंधन के कई नेता राहुल गाँधी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर पहले भी विरोध कर चुके है |
ऐसे में आज हुए इन दो घटनाक्रमों ने महागठबंधन पर कई सवाल खड़े कर दिए है और महागठबंधन के बिखराव की संभावनाओ को और अधिक प्रबल कर दिया है |
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