14 फरवरी को पुलवामा हमले बाद से भारत सरकार लगातार पाकिस्तान को कमजोर करने की कोशिश में लगी हुई है | इसी कड़ी में भारत सरकार पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से बर्बाद करने वाला फैसला लेने जा रही है| और इसके संकेत केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी दे चुके है और भारत सरकार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है| जी हाँ ये फैसला है भारत और पाकिस्तान के बीच सिन्धु जल संधि को लेकर, भारत सरकार ने संकेत दिए है कि सतलज, रावी और व्यास नदियों का पानी जो अबतक पाकिस्तान में जाता था वो अब बांध बनाकर रोक दिया जायेगा |
सिन्धु जल संधि - 19 सितम्बर 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने विश्वबैंक की मध्यस्थता में कुल 6 नदियो ( रावी,सतलज,व्यास, झेलम,चिनाब और सिन्धु ) के पानी के बंटवारे को लेकर एक समझौता हुआ| जिसमे इन नदियों को दो भागों में बांटा गया | पश्चिमी भाग और पूर्वी भाग| पूर्वी भाग जो भारत के हिस्से में आता है उसमे रावी , व्यास और सतलज नदियाँ आती है जबकि पश्चिमी की चिनाब झेलम और सिन्धु नदिया आती है, जिसका पानी पाकिस्तान को देना तय हुआ था| जबकि सिन्धु नदी के 20 प्रतिशत का उपयोग भारत कर सकता है बिजली उत्पादन और अन्य कार्यों में |
लेकिन मजे की बात यह है सिन्धु के पानी का 4 प्रतिशत हिस्सा ही भारत अब तक उपयोग में लेता आया है और बाकी का 16 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को जाता रहा है वो भी पिछले 59 वर्ष से |जबकि सतलज व्यास और रावी नदियों का भी बहुत सारा पानी पाकिस्तान को जा रहा है जो भारत के हिस्से का है| और भारत का बहुत सारा हिस्सा अब तक पानी को तरस रहा है| अबतक की भारत की सरकारों का ध्यान इस तरफ कभी नही गया लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार लगातार इस समस्या से निपटने के लिए प्रयासरत है |
आज केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विट करते हुए ये घोषणा की कि भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान को नही देगा | और इन नदियों पर बांध बनाकर इनके पानी को पंजाब और जम्मू कश्मीर को दिया जायेगा |
परिणाम - जैसा कि गडकरी ने ट्विट किया कि भारत सरकार ने बांध बनाने के राष्ट्रिय प्रोजेक्ट को लागु कर दिया है तो इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान होने वाला है |
सिन्धु जल समझौते के बाद से इन नदियो के पानी से पाकिस्तान की लगभग 20 एकड़ से भी ज्यादा जमीन सिंचित हो रही है तथा बिजली उत्पादन भी हो रहा है | भारत अपने हिस्से का पूरा पानी रोक देता है तो पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रान्त का बहुत बड़ा भाग सूखाग्रस्त हो जायेगा | और भारत का पंजाब जम्मू कश्मीर और पश्चिमी राजस्थान के बहुत बड़े हिस्से को पानी मिल जायेगा और यहाँ का जीवनस्तर सुधर जायेगा | इससे भारत को दुगुना फायदा मिल जायेगा एकतरफ जहाँ पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने में भारत सफल होगा वही भारत की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो जाएगी | भारत सरकार का यह निर्णय ऐतिहासिक साबित होगा|
इस तरह भारत सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान होगा | वहीं भारत की विश्व के सामने मजबूत पैठ बनेगी | भारत बिना युद्ध किये और बिना सिन्धु जल संधि को तोड़े पाकिस्तान को सबक सिखाने में कामयाब हुआ है |
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